ट्राई स्क्वायर (Try Square) | Top साइज (Size) 2025

ट्राई स्क्वायर (Try Square)

Try Square

परिचय (Introduction) – ट्राई स्क्वायर एक प्रकार का चैकिंग व मार्किंग टूल है जिसका मुख्य कार्य किसी जॉब को 90° के कोण में चैक करने के लिये किया जाता है। इसके ब्लेड के द्वारा किसी जॉब की समतलता (Flatness) को भी चैक किया जा सकता है। इसका प्रयोग मार्किंग करते समय 90° के कोण में रेखायें खीचने के लिये भी किया जाता है।

इसकी बनावट में एक ब्लेड (Blade) होता है और दूसरा स्टॉक (Stock) जिनको आपस में 90° के कोण में रिट करके जोड़ दिया जाता है। कुछ ट्राई स्क्वायरों के ब्लेडों पर इंचों व मि.मी. में निशान बने होते हैं।

मेटीरियल (Material) – ट्राई स्क्वायर का ब्लेड हाई कार्बन स्टील से बनाकर हार्ड व टेम्पर का दिया जाता है और इसका स्टॉक कास्ट ऑयरन, स्टील या एल्युमीनियम इत्यादि से बनाया जाता है।

साइज (Size) – ट्राई स्क्वायर का साइज उसके ब्लेड की लंबाई से लिया जाता है। यह लंबाई स्टॉक के अन्दरूनी सिरे से ब्लेड के अंतिम छोर तक की दूरी होती है। साइज के अनुसार ये 100 मि.मि. से 300 मि.मी. तक पाये जाते हैं।

प्रकार (Types) – कार्य के अनुसार निम्नलिखित ट्राई स्क्वायर प्रायः प्रयोग में लाये जाते हैं

1. फिक्स्ड ट्राई स्क्वायर (Fixed Try Square) – इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ 90° के कोण में रिवॅट के द्वारा जोड़ दिया जाता है जिससे ब्लेड इसके स्टॉक के साथ ही एक स्थान पर स्थित रहता है। इस प्रकार का ट्राई स्क्वायर प्रायः साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

2. एडजस्टेबल ट्राई स्क्वायर (Adjustable Try Square) – इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ रिवेंट के द्वारा नहीं जोड़ते बल्कि इसके स्टॉक के ऊपरी सिरे पर एक खांचा (Slot) कटा होता है जिसमें एक पिन फिट रहती है और पिन को एक नलिंग किये हुए नट के द्वारा समायोजित (Adjust) किया जा सकता है।

इसके ब्लेड के बीच में पूरी लंबाई तक एक आयताकार आकार की नाली कटी होती है। इस प्रकार जब ब्लेड को स्टॉक के खांचे में डाला जाता है तब पिन का बढ़ा हुआ भाग ब्लेड की नाली में फंस जाता है और जब नट को घुमाया जाता है तो वह ब्लेड को स्टॉक के साथ सही स्थान पर टाइट कर देता है।

इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर फिक्सड ट्राई स्क्वायर का प्रयोग नहीं किया जा सकता अर्थात जहां पर चैक करने वाली भुजा छोटी हो।

ट्राई स्क्वायर की शुद्धता जांचना (Checking Try Square for Accuracy) – ट्राई स्क्वायर की शुद्धता की जांच प्राय: निम्नलिखित तरीकों से की जा सकती है measurement and measuring instruments

1. ट्राई स्क्वायर की शुद्धता को मास्टर ट्राई स्क्वायर के द्वारा चैक किया जा सकता है क्योंकि मास्टर ट्राई स्क्वायर का ब्लेड और स्टॉक आपस में बहुत ही शुद्धता में 90° के कोण में जुड़े रहते हैं यह तरीका प्रायः वहां पर प्रयोग में पाया जाता है जहां पर ट्राई स्क्वायर में अधिक शुद्धता की आवश्यकता होती है।

2. ट्राई स्क्वायर की शुद्धता को दूसरे तरीके से भी चैक किया जा सकता है जिसमें ट्राई स्क्वायर को सरफेस प्लेट के एक किसी सीधे किनारे वाले सिरे के साथ सटाकर लगाकर सरफेस प्लेट पर ब्लेड के साथ उसकी सीध में एक रेखा खींच लेनी चाहिये, फिर ट्राई स्क्वायर को पलटकर विपरित स्थिति में ट्राई स्क्वायर को रख कर पहली खींची हुई रेखा के साथ ब्लेड की सीध में दूसरी रेखा खींच देनी चाहिये) इसके पश्चात् ट्राई स्क्वायर को हटा कर चैक कर लेना चाहिये कि खींची हुई दोनों रेखायें एक दूसरे के समानान्तर हैं कि नहीं।

यदि दोनों रेखायें समानान्तर होंगी तो समझ लेना चाहिए कि ट्राई स्क्वायर शुद्ध है। यदि दोनों रेखाएं समानान्तर नहीं है तो ट्राई स्क्वायर गलत होगा अतः उसका प्रयोग नहीं करना चाहिये।

स्क्वायर के उपयोग (Uses of Try Square) – ट्राई स्क्वायर का प्रयोग प्रायः निम्नलिखित के लिए किया जाता है:
(a) फाइल या मशीन की हुई सरफेसों की फ्लैटनैस चैक करने के लिए।

(b) .वर्कपीस के ऐज से 90° पर लाइनों की मार्किग करने के लिए।

(c)  मशीन वाइस या किसी वर्क होल्डिंग डिवाइस में वर्कपीस को 90° पर सेट करने के लिए।

(d) स्टील रूल की सहायता से परिशुद्ध माप लेने के लिए।

स्ट्रेट ऐज (Straight Edge)
स्ट्रेट ऐज हाई कार्बन स्टील से बनाए जाते हैं। इसके दोनों सिरे लेवल में और समानान्तर फिनिश किए जाते हैं। जिनमें से एक सिरा प्रायः बैवल किया होता हैं। जैसा कि चित्र 2.12 में दिखाया गया है ‘A’ साधारण कार्यों वाला स्ट्रेट ऐज है, ‘B’ टूल मेकर्स स्ट्रेट ऐज और ‘C’ कास्ट आयरन स्ट्रेट ऐज है।


स्ट्रेट ऐज का प्रयोग किसी वर्कपीस के ऐज की स्ट्रेटनैस चैक करने और सरफेस की (Uniformity) चैक करने के लिए किया जाता है।

सावधानियां (Precautions)

1. ट्राई स्क्वायर को दूसरे कटिंग टूल्स के साथ मिला कर नहीं रखना चाहिये। 

2. कार्य करने से पहले व पश्चात् इसको अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिये। 

3. इसको गिरने से बचाना चाहिये।
4. इसको कभी भी हथौड़ी की तरह प्रयोग में नहीं लाना चाहिये।

 5. इसके ब्लेड को पेंचकस की तरह प्रयोग में नहीं लाना चाहिये। 

6. ‘ट्राई स्क्वायर का प्रयोग करते समय इसके ब्लेड को जॉब की सतह पर रगड़ना नहीं चाहिये बल्कि उठा-उठा कर चैकिंग करनी चाहिये। will have 

7. जब ट्राई स्क्वायर का प्रयोग न किया जा रहा हो तो इस पर हल्के ग्रेड तेल लगा कर इसके निजी स्थान पर रखना चाहिये

measurement and measuring instruments

माप एवं माप लेने वाले औजारों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण संकेत (Some Important Hints Related to Measurement and Measuring Tools)


1. मीट्रिक पद्धति में स्टील रूल की लीस्ट काउंट 1/2 मि. मी. तथा ब्रिटिश पद्धति में 1/64″ होती है। 

2. ‘की’ सीट रूल का प्रयोग किसी शाफ्ट पर चाबीघाट (Key-way) की मार्किंग के लिए किया जाता है।

3. श्रिंक रूल का प्रयोग मोल्डिंग शॉप में किया जाता हैं।

4. स्टील रूल एक प्रत्यक्षमापी औजार है तथा आउटसाइड केलिपर एक अप्रत्यक्षमापी औजार है।

5. गहरे सुराख तथा स्लॉट की माप लेने के लिए नेरो रूल का प्रयोग करते हैं। 

6.ट्राई स्क्वायर का साइज स्टॉक के अंदरूनी सिरे से ब्लेड के अंतिम सिरे तक लिया जाता है। 

7. स्टैण्डर्ड मापों को 20°C पर लेना चाहिए।

8. एक अच्छे मेजरिंग टूल में निम्नलिखित गुण होने चााहिएं।

(i) इसकी ग्रेजुएशन यूनिफार्म और परिशुद्ध होनी चाहिए। 

(ii) इसे आसानी से पढ़ा जा सके व प्रयोग में लाया जा सके। 

(iii) इस पर जगं बगैरा नहीं लगना चाहिए।

9.ट्राई स्क्वायर के स्टॉक पर बर्र स्लॉट बना होता है जिसमें जॉब के ऐज की बर्र को स्थान मिल जाता है। 

10. किसी-2 जैनी केलिपर की टांग पर एक विशेष आकार की हील बनी होती है जिससे जॉब के आउटर ऐज के साथ-2 समानान्तर लाइनें आसानी से खींची जा सकती हैं।

 11. स्प्रिंग ज्वाइंट केलिपर को शीध्रता से परिशुद्धता में सेट किया जा सकता है क्योंकि इसकी दोनों टांगों की एक पिवट और चपटे स्प्रिंग के द्वारा असेम्बल किया जाता है। 

12. ट्राई स्क्वायर द्वारा चैक की गई परिशुद्धता प्रति 10 मि.मी. लंबाई पर 0.002 मि.मी. होती है जो कि अधिकतर वर्कशापकार्यों के लिए पर्याप्त होती है।

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